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Showing posts from January, 2024

एक शाम की महफिल: मुनव्वर राना के साथ एक यादगार मुलाक़ात

 जनाब मुनव्वर राना साहब का बीते रोज़ इंतेक़ाल हुआ। कई दोस्तों ने ज़ाती पैग़ाम में मुझसे इल्तिजा की कि मैं उन पर कुछ लिखूँ। मुझमें उनकी शाइ'री की तन्क़ीद करने की ताब तो नहीं है, पर उनसे जुड़ी एक याद है, सो वही पेश करता हूँ। मुनव्वर राना से मेरी एक मुख़्तसर मुलाक़ात हुई थी। मेरी पत्रकारिता का शुरुआती दौर था ।यह साल २०१० था, जब वो आगरा आए थे।  आगरा के सूर सदन  के एक जलसे में उन्होंने शे'र पढ़ने थे।  सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। दोनों की ही रिपोर्टिंग मेरे ज़िम्मे थी। उस समय मुनव्वर राना एक चढ़ता हुआ नाम था। बशीर बद्र, निदा फ़ाज़ली, वसीम बरेलवी, मंज़र भोपाली वग़ैरा की क़तार में उनका ज़िक्र किया जाने लगा था। मैं वक़्त से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहुँच गया। रिपोर्टर लोग नहीं आए थे, पर मुनव्वर साहब वहाँ एक कुर्सी पर बैठे थे। मैंने उनको पहचाना नहीं, क्योंकि तब तक नाम ही सुना था शक्ल नहीं देखी थी। इंटरनेट से पहले के ज़माने में यह आम था कि आप किसी को ख़ूब जानते हों, पर शक्ल कभी न देखी हो। वो बेनिशान चेहरों का दौर था। मुझे किसी ने इशारे से बतलाया कि मुनव्वर साहब वो हैं। उन्होंने वो इशारा देख लिया ...

Loving Memory: Homage to Munawwar Rana

Remembering the Iconic Urdu Poet In 2010, during a poetry session at Sur Sadan in Agra, I, as a reporter, had the privilege of meeting Munawwar Rana. His rising popularity was evident as he stood alongside renowned poets like Bashir Badr and Nida Fazli. However, today, Munawwar Rana is no longer among us, and I won't share everything about him that you might have read on Wikipedia or Google. In the early days of my journalism career, I vividly remember seeing him through my own eyes and hearing his words with my own ears. His unassuming demeanor during that event set him apart An Unforgettable Encounter In 2010, when Munawwar Rana graced Agra with his presence, I had the opportunity to meet him during a poetry session at the Sur Sadan. His rising popularity was evident, standing alongside the likes of Bashir Badr, Nida Fazli, and others. Yet, his unassuming demeanor set him apart. I recall a brief encounter; a time when internet hadn't blurred our recognition based on appear...