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Showing posts from December, 2024

बांग्लादेश में कट्टरपंथ की आंधी में, हिंदुओं पर हमले जारी, धर्म की लड़ाई में मानवता हारी?

2024 का वर्ष बांग्लादेश के लिए गहरे राजनीतिक और सामाजिक संकट का समय रहा है। शेख हसीना की सरकार का पतन और मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कार्यवाहक सरकार का गठन, न केवल बांग्लादेश के भीतर बल्कि भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी गंभीर प्रभाव डाल रहा है। लोकतंत्र की बहाली और सांप्रदायिक सौहार्द को लेकर सवाल उठ रहे हैं। आइए इस संकट की जड़ों और इसके निहितार्थों पर विस्तार से चर्चा करें। 5 अगस्त 2024 को, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को ढाका से भारत भागने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह कदम बढ़ते हुए छात्र आंदोलनों और बीते महीने में हिंसक होते प्रदर्शनों के कारण उठाया गया। इसके कुछ दिन बाद, 8 अगस्त 2024 को, मुहम्मद यूनुस को कार्यवाहक सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया। गौरतलब है कि बांग्लादेश के संविधान में कार्यवाहक सरकार का कोई प्रावधान नहीं है। यूनुस के नेतृत्व वाली इस अंतरिम सरकार को दो अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई थीं. देश में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना तथा जल्द से जल्द चुनाव कराना। हालांकि, अब तक इन दोनों उद्देश्यों में कोई सफलता नहीं मिली है। चुनाव कब होंगे, इसका कोई स्प...

लालू के ‘नैन सेंकने’ वाले बयान ने खोली राजनीति की सच्चाई, क्या महिलाओं का सम्मान सिर्फ नारे तक सीमित रह जाएगा?

भारतीय राजनीति का मंच हमेशा से ही एक अद्भुत नाट्यशाला रहा है। यहां बयानबाजी की गूंज अक्सर मुद्दों की गहराई से अधिक सुनाई देती है। ताजा मामला राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का है, जिन्होंने एक बार फिर अपनी चुटीली जुबान से ऐसा जादू चलाया कि पूरे देश में हलचल मच गई। उनका 'नैन सेंकने' वाला बयान भले ही हल्के-फुल्के अंदाज में दिया गया हो, लेकिन इसने राजनीति की खोखली वास्तविकताओं को बड़े ही व्यंग्यात्मक तरीके से उजागर किया है। लालू प्रसाद यादव का यह बयान उनकी विशिष्ट शैली का ही एक उदाहरण है। वे अक्सर अपने देहाती मुहावरों और चुटीले बयानों से राजनीतिक गलियारों को गुदगुदाते रहे हैं। लेकिन, इस बार मामला जरा अलग है। उनके इस बयान ने न केवल मज़ाक उड़ाया है, बल्कि राजनीति के गंभीर पहलुओं पर चर्चा को भी मजबूर कर दिया है। लालू प्रसाद यादव का 'नैन सेंकने' का बयान लालू यादव ने हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा, "वो महिला संवाद के नाम पर नैन सेंकने निकल पड़े हैं।" अब, यह टिप्पणी क्या एक सहज मज़ाक था या गंभीर व्यंग्य, यह तो...