The Hindu और The New Indian Express की पक्षपाती पत्रकारिता पर सवाल: आतंकियों के नरसंहार पर भी एजेंडा?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हिंदुओं के सुनियोजित नरसंहारने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। मज़हबी आतंकियों ने हिन्दू तीर्थयात्रियों से पहले उनका धर्म पूछा, नाम पूछा, कुछ से कपड़े उतरवाए और फिर केवल पुरुषों को गोली मार दी। कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को अपनी आंखों के सामने मरते देखा, लेकिन कुछ मीडिया संस्थानों ने इस बर्बर हमले की सच्चाई को छिपाने और उसका राजनीतिकरणकरने की कोशिश की। सबसे चौंकाने वाला व्यवहार द न्यू इंडियन एक्सप्रेस और The Hindu जैसे तथाकथित प्रतिष्ठित अखबारों ने दिखाया है। इन दोनों मीडिया संस्थानों ने न केवल नरसंहार की गंभीरता को कमतर दिखाया, बल्कि संदेहास्पद तर्कों और पाकिस्तान समर्थक नैरेटिव को आगे बढ़ाया। The New Indian Express की नीना गोपाल ने तो "क्या पहलगाम जाफर एक्सप्रेस अपहरण का बदला है?" जैसे अजीबो-गरीब शीर्षक के साथ एक लेख लिख डाला। इस लेख में उन्होंने कश्मीर के हिंदू नरसंहार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुए हमले के प्रतिकारक घटना के रूप में चित्रित करने की घिनौनी कोशिश की है। यह न केवल पत्रकारिता की मूल आत्मा के खिलाफ है, बल्कि यह भार...