यह पुस्तक “Sleep, Dreams & Spiritual Reflections”  पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के वाङ्मय से संकलित अंग्रेज़ी अनुवाद है। इसमें नींद और स्वप्न जैसे साधारण प्रतीत होने वाले विषय की गहराई को आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टि से उजागर किया गया है। आचार्यश्री ने इसे स्पष्ट किया है कि नींद केवल शरीर को विश्राम देने की जैविक प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह मन को संतुलित करने, आत्मा को गहराई से जोड़ने और चेतना के विकास का माध्यम है।  आज का युवा वर्ग सबसे अधिक तनाव, चिंता और अनिद्रा से प्रभावित है। देर रात तक मोबाइल और स्क्रीन पर उलझे रहना, प्रतियोगिता का दबाव और भविष्य की अनिश्चितताएँ उसकी नींद और स्वप्न दोनों को बाधित करती हैं। ऐसे समय में यह पुस्तक युवाओं के लिए विशेष प्रासंगिक बन जाती है क्योंकि यह उन्हें यह समझाती है कि नींद और स्वप्न केवल व्यर्थ का समय नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने वाले संकेत हैं। स्वप्न मनुष्य के अवचेतन और अचेतन मन की गतिविधियों का दर्पण हैं, जो आत्म-विश्लेषण और आत्म-विकास का अवसर प्रदान करते हैं।  आचार्यश्री ने गीता और वेदांत की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए बताया है कि चेतना के ...
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