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Showing posts from 2018

मनुष्य के जीवन की सबसे बड़ी सफलता है आद्यात्मिक उत्कर्ष

                                                ह म सब बचपन से ही सीखते आए हैं। सीखने की प्रक्रिया बचपन से लेकर जीवन के अंत तक चलती रहती है। इनसान जैसे-जैसे बड़ा होता जाता है ‚ उसकी रुचियों में परिवर्तन होता जाता है। उसका खान-पान ‚ भाषा-शैली ‚ रहन-सहन आदि। इस विश्व में अनेक प्रकार के ज्ञान और विज्ञान मौजूद हैं। हम अपनी रुचि के अनुसार उन सबको सीखते हैं और लाभ उठाते हैं। पर इन सब विज्ञानों से ऊंचा एक महा विज्ञान है ‚ जिसके बिना अन्य सब विज्ञान ‚ अधूरे एवं अनुपयोगी हैं। खेद है कि उस महा विज्ञान के महानतम लाभ और महत्व की ओर हम ध्यान नहीं देते। वह है अध्यात्म। अध्यात्म है मानव जीवन का तत्वज्ञान:    यह मानव जीवन का वह तत्वज्ञान है जिसके ऊपर आन्तरिक और बाहरी उन्नति ‚ समृद्धि एवं सुख शान्ति निर्भर है। साहित्य ‚ कला ‚ शिल्प ‚ रसायन ‚ विज्ञान ‚ संगीत आदि का ज्ञान मनुष्य की पदवी और समृद्धि क...

मानव जीवन का प्रकाश और प्राण है संगीत

     ध्वनि ( साउण्ड ) एक निश्चित भौतिक प्रक्रिया है और जिस प्रकार प्रकृति और प्राणि जगत में प्रकाश और गर्मी का प्रभाव होता है। उससे उनके शरीर बढ़ते , पुष्ट और स्वस्थ होते हैं। उसी प्रकार ध्वनि में भी तापीय और प्रकाशीय ऊर्जा होती है और वह प्राणियों के विकास में इतना महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है , जितना अन्न और जल। पीड़ित व्यक्ति के लिए तो संगीत उस रामबाण औषधि की तरह है , जिसका श्रवण पान करते ही तात्कालिक शांति मिलती है। लोग कहेंगे यह भावुक अभिव्यक्ति मात्र है , किन्तु वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने संगीत की उन विलक्षण बातों का पता लगाया है , जो मनुष्य शरीर में शाश्वत चेतना को और भी स्पष्ट प्रमाणित करती है। इस सम्बन्ध में अन्नामलाई विश्वविद्यालय में वनस्पति शास्त्र के विभागाध्यक्ष डा . टी० सी० एन॰ सिंह और उनकी सहयोगिनी कुमारी स्टेला पुनैया के वनस्पति और प्राणियों पर किये गये संगीत के परीक्षण बहुत उल्लेखनीय है। सच बात तो यह है कि ईश...