ध्वनि ( साउण्ड ) एक निश्चित भौतिक प्रक्रिया है और जिस प्रकार प्रकृति और प्राणि जगत में प्रकाश और गर्मी का प्रभाव होता है। उससे उनके शरीर बढ़ते , पुष्ट और स्वस्थ होते हैं। उसी प्रकार ध्वनि में भी तापीय और प्रकाशीय ऊर्जा होती है और वह प्राणियों के विकास में इतना महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है , जितना अन्न और जल। पीड़ित व्यक्ति के लिए तो संगीत उस रामबाण औषधि की तरह है , जिसका श्रवण पान करते ही तात्कालिक शांति मिलती है। लोग कहेंगे यह भावुक अभिव्यक्ति मात्र है , किन्तु वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं ने संगीत की उन विलक्षण बातों का पता लगाया है , जो मनुष्य शरीर में शाश्वत चेतना को और भी स्पष्ट प्रमाणित करती है। इस सम्बन्ध में अन्नामलाई विश्वविद्यालय में वनस्पति शास्त्र के विभागाध्यक्ष डा . टी० सी० एन॰ सिंह और उनकी सहयोगिनी कुमारी स्टेला पुनैया के वनस्पति और प्राणियों पर किये गये संगीत के परीक्षण बहुत उल्लेखनीय है। सच बात तो यह है कि ईश...
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