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समाचार आदान-प्रदान की समृद्ध परम्परा रही है हमारी : कृपा शंकर



नोएडा। प्रेरणा मीडिया द्वारा रविवार को देवर्षि नारद जयन्ती एवं हिन्दी पत्रकारिता दिवस के उपलक्ष्य में नारद जयन्ती एवं वर्तमान परिपेक्ष में पत्रकारिता विषय पर एक वेबिनर आयोजित किया गया. कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संयुक्त क्षेत्र प्रचार प्रमुख (उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड) श्रीमान कृपा शंकर जी ने विस्तार से बताया हमारे देश में आदि काल से समाचारों के आदान-प्रदान से लेकर साहित्य सृजन के एक समृद्ध परम्परा रही  और देवर्षि नारद एक पत्रकार होने के साथ-साथ कुशल राजनीतिज्ञ और सामाजिक चिन्तक थे.

कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं डीडी न्यूज के सम्पादक श्रीमान अशोक श्रीवास्तव जी हिन्दी सिनेमा में सनातन धर्म और महापुरषों की स्थिति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि फिल्मों में देवर्षि नारद को मात्र एक विदूषक के रूप में प्रस्तुत किया जो उनके विराट व्यक्तित्व का अपमान है.


कृपा शंकर जी ने कहा कि मीडिया का दायित्व है कि नई पीढ़ी के सामने अनुकरणीय आदर्श प्रस्तुत करे। मीडिया का काम केवल सूचना देना ही नहीं बल्कि समाज को जागरूक करना भी है।


उन्होंने बताया कहा कि प्रति वर्ष 30 मई 'हिंदी पत्रकारिता दिवस' के रूप में मनाया जाता है। कारण, इसी दिन वर्ष 1826 में हिन्दी के प्रथम समाचार पत्र 'उदंत मार्त्तंड' का कोलकाता से प्रकाशन शुरू हुआ था। जब इसका पहला संस्करण प्रकाशित हुआ तो उसमें सम्पादक ने हर्ष व्यक्त करते हुए लिखा था कि आज नारद जयन्ती के शुभ अवसर पर यह पत्रिका प्रकाशित होने जा रही है।


कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार श्रीमान अशोक श्रीवास्तव ने कहा कि आज के समय में मीडिया नरेटिव बनाने का काम करता है। मीडिया में सोशल मीडिया भी शामिल है।


श्रीवास्तव ने कहा, “अगर हम नारद जयन्ती नहीं मानते तो आज की युवा पीढ़ी के साथ ही पत्रकार जगत के छात्रों को उनके मूल चरित्र के बारे में पता ही नहीं चलता।“


अशोक श्रीवास्तव ने एक रिपोर्ट का उदहारण देते हुए बताया 60 से 70 दशक में जो फिल्में एक सामान्य बाद होती थी वह यह कि फिल्मों में अगर कोई हिन्दू है जो तिलक लगाता है मन्दिर में पूजा करता है उसे चोरी करते हुए नकारात्मक चित्रण किया जाता है। उस समय 70 प्रतिशत फिल्मों में ऐसा दिखाया गया।


वहीं जो बनिया है व्यपारी है उसे भी यहीं दिखाया गया की वह अत्याचारी है। किन्तु वहीं चर्च के पादिरी को हमेशा बड़ा दिल वाला दिखाया गया। सकारात्मक चित्रण किया गया। इसी प्रकार मौलवी है तो वह हमेशा भाईचारे की बात करता हुआ अच्छा व्यक्ति है। यह फिल्मों पर हुई स्टडी कहती है।


अब प्रश्न यह है कि इसका प्रभाव क्या होता है? इसका प्रभाव यह हुआ कि आज हमें अपने बच्चों को बताता पड़ रहा है की नारद जी कौन है।

इस अवसर पर जूम के माध्यम से कई वरिष्ठ पत्रकार योगेश दीक्षित अमर उजाला, पंकज पाराशर ट्राइसिटी टुडे, वीर शेखर सुदर्शन न्यूज, विशाल दुबे देशबंधु, अक्षय शर्मा जी न्यूज, मुनेंद्र प्रताप रिपब्लिक टीवी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से डॉ अनिल त्यागी, श्रीमान दिनेश गोयल जी, श्रीमान रणवीर सिंह जी, विनीत पाण्डेय आदि लोग जुड़े कार्यक्रम का संचालन मनीष  ने किया।

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