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Showing posts from September, 2024

हसन नसरल्लाह की मौत पर मीडिया का मातम: आतंक को ढकने का प्रोपगेंडा

हाल ही में मीडिया द्वारा आतंकियों के प्रति संवेदना दिखाने और उन्हें मर्मस्पर्शी एंगल से दिखाने की आदत कोई नई नहीं है। खासतौर पर वामपंथी मीडिया के लिए यह आम बात है कि वह कितने भी बड़े आतंकी का चेहरा धो-पोंछकर उसे मानवीय रूप में पेश करने से पीछे नहीं हटती। इसका ताजा उदाहरण तब देखने को मिला जब इज़रायल ने हिज़्बुल्लाह के चीफ हसन नसरल्लाह को मौत के घाट उतारा। जहां अमेरिका से लेकर सीरिया तक इस कार्रवाई पर लोगों ने खुशी जताई, वहीं वामपंथी मीडिया में मातम जैसा माहौल पसर गया। "इज़रायल द्वारा हिज़्बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह को खत्म करने की खबर के बाद, मीडिया में एक अजीब सी होड़ मच गई। नसरल्लाह, जिसे दुनिया के अधिकांश देश एक आतंकी सरगना मानते थे, उसकी मौत के बाद कई मीडिया पोर्टलों ने उसके कुकर्मों का ब्योरा छापने की बजाय उसकी तारीफ करना शुरू कर दी। कुछ ने उसे ‘करिश्माई’ और ‘परोपकारी’ नेता के रूप में पेश किया, तो कुछ ने उसे ‘सम्मानित’ व्यक्ति बताया। नसरल्लाह के आतंकवादी इतिहास को नजरअंदाज करते हुए, मीडिया ने उसे एक सम्मानित और प्रभावशाली शख्सियत के रूप में दिखाने की कोशिश की, जिससे कई लोगों...

भारत का स्पष्ट संदेश: अब केवल PoK वापस लेना बाकी, जयशंकर ने UN में पाकिस्तान की आतंकवादी नीतियों पर कड़ा प्रहार किया

भारत का स्पष्ट रुख: अब सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को वापस लेना ही बचा है, जयशंकर का दो-टूक जवाब आतंकवाद के परिणाम: पाकिस्तान अपने ही पाले आतंकवाद से तबाह हो रहा है, भारत ने UN में दी चेतावनी। पाकिस्तान की दोहरी नीति का पर्दाफाश: कश्मीर और आतंकवाद पर भारत का विश्व मंच से करारा जवाब। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने एक सशक्त और स्पष्ट भाषण के माध्यम से पाकिस्तान की आतंकवाद समर्थक नीतियों की आलोचना करते हुए भारत की कश्मीर नीति को पूरी दुनिया के सामने रखा। जयशंकर ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच अब एकमात्र मुद्दा है पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को वापस लेना। यह बयान तब आया जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में उठाने की कोशिश की थी। जयशंकर के इस कड़े बयान ने न केवल भारत के रुख को स्पष्ट किया, बल्कि पाकिस्तान के पाखंड और आतंकवाद को बढ़ावा देने की उसकी नीति को भी दुनिया के सामने उजागर किया। भारत का PoK पर स्पष्ट रुख: जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए स...

सनातन संस्कृति की अद्वितीय बारीकियाँ: भावों का गहन रहस्य

भारतभूमि की महानता मात्र उसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों में ही नहीं, अपितु उसकी हर परंपरा और संस्कार में निहित गहन भावनाओं में भी समाहित है। हमारी सनातन परंपरा का हर छोटा से छोटा कार्य एक गूढ़ आध्यात्मिक रहस्य को अपने भीतर समेटे हुए है, जिसे सही अर्थों में समझने और आत्मसात करने की आवश्यकता है।  उदाहरण स्वरूप, पूजन विधि में प्रयुक्त होने वाली सामग्रियों को ही देख लीजिए। जब हम पूजन करते हैं, तो विभिन्न सामग्रियों को अर्पित करते समय हम "समर्पयामि" शब्द का प्रयोग करते हैं। चाहे वह पुष्प हो, अक्षत हो, आचमन हो या आसन—ये सभी प्रकृति प्रदत्त सामग्रियाँ हैं, जो हमें ईश्वर की कृपा से सहज रूप से प्राप्त होती हैं। इन्हें अर्पित करते समय हम "समर्पयामि" कहकर स्वयं को प्रकृति के अंश के रूप में प्रस्तुत करते हैं, मानो यह स्वीकार करते हुए कि ये वस्तुएँ हमसे नहीं, बल्कि परमात्मा की कृपा से ही संभव हैं। परंतु जब हम नैवेद्य , अर्थात मिष्ठान अर्पित करते हैं, तो हम "निवेदयामि" शब्द का प्रयोग करते हैं। यहाँ यह बारीकी अत्यंत महत्वपूर्ण है। नैवेद्य वह पदार्थ है जिसे हम अपन...

अन्नं ब्रह्म: आयुर्वेदिक रहस्य जो बदल दे आपकी सेहत और फिटनेस

SCO शिखर सम्मेलन 2024: आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद पर जयशंकर का कड़ा संदेश

इस्लामाबाद में आयोजित 2024 का शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन उस समय हुआ जब दुनिया गंभीर भू-राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मंच का उपयोग करते हुए आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद के खिलाफ कठोर और स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक सीमा पार आतंकवाद और अतिवाद पर नियंत्रण नहीं पाया जाता, तब तक व्यापार, ऊर्जा, और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग का कोई मतलब नहीं रहेगा। जयशंकर के शब्दों में, "SCO को वर्तमान समय की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम और तत्पर होना चाहिए।" यह वक्तव्य सीधे तौर पर इस ओर इशारा करता है कि SCO को अपने मुख्य उद्देश्यों— आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद —के खिलाफ बिना किसी समझौते के लड़ाई करनी होगी। उनका भाषण केवल आतंकवाद के मुद्दों तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने वैश्विक और क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता को भी रेखांकित किया, जो एक निष्पक्ष और पारदर्शी ढांचे के तहत होनी चाहिए। आतंकवाद, अलगाववाद और अतिवाद पर कड़ा रुख जयशंकर के संबोधन की मुख्य बिंदु यह था कि SCO का मूल उद्देश्य आतंकवाद,...

क्या भारत-कनाडा संबंधों में दरार भारतीय प्रवासियों को प्रभावित करेगी?

भारत-कनाडा राजनयिक विवाद: प्रवासी समुदाय की भूमिका और कूटनीतिक तनाव भारत और कनाडा के बीच हालिया राजनयिक विवाद ने दोनों देशों के संबंधों में एक नया मोड़ ला दिया है। यह विवाद खासकर कनाडा में बसे भारतीय प्रवासी समुदाय पर केंद्रित हो गया है, जो वहां की आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक प्रणाली में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विवाद की शुरुआत कनाडा में खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद हुई, जिसमें कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए। इन आरोपों और उसके बाद की घटनाओं ने भारतीय और कनाडाई समाजों में चिंता और तनाव पैदा कर दिया है। भारतीय प्रवासी: कनाडा की अर्थव्यवस्था में योगदान कनाडा में भारतीय प्रवासी समुदाय, विशेषकर छात्र वर्ग, कनाडाई अर्थव्यवस्था में एक बड़ा योगदान देता है। 2022 तक, कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों में भारतीय छात्रों की हिस्सेदारी 40% थी, जो कुल मिलाकर 3.2 लाख छात्रों तक पहुंच गई थी। भारतीय छात्रों ने अकेले 2022 में कनाडा की अर्थव्यवस्था में $22.3 बिलियन का योगदान किया, जिसमें शिक्षण शुल्क और अन्य खर्च शामिल थे। यह भी ध्यान देने यो...

शेख हसीना के सत्ता परिवर्तन की 2019 से साजिश: अमेरिकी एजेंसियों का खुफिया खेल खुलासा

 बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता से हटाने की योजना 2019 से ही बन रही थी, और इसमें कई अमेरिकी एजेंसियाँ शामिल थीं। द सन्डे गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी दस्तावेजों से खुलासा हुआ है कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के लिए लाखों डॉलर खर्च किए गए और इस साजिश में कई अमेरिकी संस्थाओं ने हाथ आजमाया। रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टिट्यूट (IRI) ने बांग्लादेश में सत्ता बदलने के प्रयास में प्रमुख भूमिका निभाई। IRI ने अमेरिका की USAID और NED से फंड प्राप्त किया और 2020 की शुरुआत में एक कार्यक्रम शुरू किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन लोगों को समर्थन देना था जो हसीना की दमनकारी सत्ता के खिलाफ खड़े हो सकें। IRI ने LGBT, बिहारी और अन्य समुदायों के 77 एक्टिविस्टों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान की। IRI ने सत्ता परिवर्तन के लिए कई विकल्पों पर विचार किया। एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि बांग्लादेश की सेना और व्यापारिक समूहों का समर्थन हसीना के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, IRI ने पाया कि अधिकांश बड़े कारोबारी हसीना के आवामी लीग का समर्थन करते ...

The True Benefits of Worship: A Journey of Inner Transformation

Worship and spiritual practices have always been seen as a pathway to divine grace and fulfillment. Yet, true spiritual growth and the blessings that come with it are only possible when the individual is internally prepared to receive them. Just as a pearl oyster benefits only from the rain of the Swati Nakshatra, or as a person with healthy digestion can benefit from consuming ghee, so too, the benefits of worship come only to those who are prepared and purified both internally and externally. The Importance of Readiness The spiritual benefits of worship, or any higher pursuit, depend on the state of readiness of the seeker. A person with their eyes open can enjoy the beauty of light, just as one with a healthy digestive system can benefit from nutritious food. In the same way, the individual must be mentally, emotionally, and spiritually aligned to receive the benefits of divine worship. No matter how pure or powerful the mantras or the presence of the divine may be, they only benefi...