जुलाई 20, 2020
*नई शिक्षा नीति को मिली मंजूरी, समझिए शिक्षा नीति में क्या है नया?*
*नई दिल्ली।* *केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दे दी है और बुधवार शाम 4 बजे इसकी औपचारिक रूप से घोषणा कर दी गयी है। औपचारिक घोषणा केंद्रीय मंत्रियों प्रकाश जावडेकर और डॉ रमेश पोखरियाल निंशक ने संयुक्त रूप से की। घोषणा के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता आज कैबिनेट की बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी गयी है। पत्र सूचना कार्यालय द्वारा आयोजित ब्रीफिंग कार्यक्रम में मंत्रियों के अलावा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सचिव और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।*
*■ विद्यालय शिक्षा में ये सुधार*
*अर्ली चाइल्डहुड केयर एवं एजुकेशन के लिए कैरिकुलम एनसीईआरटी द्वारा तैयार होगा। इसमें 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए विकसित किया जाएगा। बुनियाद शिक्षा (6 से 9 वर्ष के लिए) के लिए फाउंडेशनल लिट्रेसी एवं न्यूमेरेसी पर नेशनल मिशन शुरु किया जाएगा। पढ़ाई की रुपरेखा 5+3+3+4 के आधार पर तैयारी की जाएगी। इसमें अंतिम 4 वर्ष 9वीं से 12वीं शामिल हैं। नये कौशल (जैसे कोडिंग) का शुरु किया जाएगा। एक्सट्रा कैरिकुलर एक्टिविटीज को मेन कैरिकुलम में शामिल किया जाएगा। गिफ्टेड चिल्ड्रेन एवं गर्ल चाइल्ड के लिए विशेष प्रावधान किया गया है।*
*कक्षा 6 के बाद से ही वोकेशनल को जोड़ जाएगा। नई नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा जिसमें ईसीई, स्कूल, टीचर्स और एडल्ट एजुकेशन को जोड़ा जाएगा। बोर्ड एग्जाम को भाग में बाटा जाएगा। बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स को जोड़ा जाएगा। वर्ष 2030 को हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी। विद्यालयी शिक्षा के निकलने के बाद हर बच्चे के पास कम से कम लाइफ स्किल होगी।*
*● नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर कर सकता है.*
*■ हायर एजुकेशन में ये सुधार*
*उच्च शिक्षा में अब मल्टीपल इंट्री और एग्जिट का विकल्प दिया जाएगा। पांच साल के इंटीग्रेटेड कोर्स करने वालों को एमफिल नहीं करना होगा। अब कॉलेजों के एक्रेडिटेशन के आधार पर ऑटोनॉमी दी जाएगी। मेंटरिंग के लिए राष्ट्रीय मिशन चलाया जाएगा। हायर एजुकेशन के लिए एक ही रेग्यूलेटर रहेगा। अभी यूजीसी, एआईसीटीई शामिल हैं। हालांकि इसमें लीगल एवं मेडिकल एजुकेशन को शामिल नहीं किया जाएगा। सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को लिए शिक्षा मानक समान रहेंगे। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना होगी जिससे रिसर्च और इन्नोवेशन को बढ़वा मिलेगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम अब शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है। शिक्षा (टीचिंग, लर्निंग और एसेसमेंट) में तकनीकी को बढ़वा दिया जाएगा। तकनीकी के माध्यम से दिव्यांगजनों में शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। ई-कोर्सेस आठ प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित किया जाएंगे। नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम (एनईटीएफ) की स्थापना की जाएगी।*
*■ रिसर्च में किया गया बदलाव*
*प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि जो रिसर्च में जाना चाहते हैं उनके लिए 4 साल का डिग्री प्रोग्राम होगा. जबकि जो लोग नौकरी में जाना चाहते हैं वो तीन साल का ही डिग्री प्रोग्राम करेंगे. लेकिन जो रिसर्च में जाना चाहते हैं वो एक साल के एमए (MA) के साथ चार साल के डिग्री प्रोग्राम के बाद पीएचडी (PhD) कर सकते हैं. इसके लिए एमफिल (M.Phil) की जरूरत नहीं होगी.*
*नई शिक्षा नीति के मुताबिक, अब 3 साल से 18 साल के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 के अंदर लाया जाएगा. आने वाले समय में शिक्षक और छात्रों का अनुपात 1:30 होगा.*
*नई दिल्ली: मानव संसाधन और विकास मंत्रालय की सिफारिश के बाद HRD मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. ये फैसला दिल्ली में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया. इसके साथ ही मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी है. यह 1986 की शिक्षा नीति की जगह लेगा. शिक्षा नीति को मंजूरी मिल जाने के बाद अब पूरे उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी होगी, ताकि शिक्षा क्षेत्र में अव्यवस्था को खत्म किया जा सके.*
*देश में शिक्षा के बदल जाएंगे मायने*
*नई शिक्षा नीति के मुताबिक, अब 3 साल से 18 साल के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 के अंदर लाया जाएगा. आने वाले समय में शिक्षक और छात्रों का अनुपात 1:30 होगा.* *नई शिक्षा नीति में कहानी, रंगमंच, सामूहिक पठन पाठन, चित्रों का डिस्प्ले, लेखन कौशलता, भाषा और गणित पर भी जोर होगा. इस नई शिक्षा नीति के तहत देश में शिक्षा के मायने को बदला जाएगा. इससे न सिर्फ युवाओं को शिक्षा के नए अवसर मिलेंगे, बल्कि रोजगार प्राप्त करने में भी आसानी होगी.*
*नई शिक्षा नीति के तहत सरकार युवा इंजीनियरों को इंटर्नशिप का अवसर देने के उद्देश्य से शहरी स्थानीय निकायों के लिए एक कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है. साथ ही राष्ट्रीय पुलिस यूनिवर्सिटी और राष्ट्रीय फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव लाया जा रहा है. वहीं टॉप 100 यूनिवर्सिटीज पूरी तरह से ऑनलाइन शिक्षा कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे, इसकी भी योजना तैयार हो रही है.*
*केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा है कि हमारी जो नई शिक्षा नीति आ रही है, वह काफी कुछ इन बातों का समाधान करेगी. शिक्षा नीति में सरकार ने हायर एजुकेशन को बढ़ावा देने की बात कही गई है. इसके साथ ही युवाओं को हायर एजुकेशन लेना पहले के मुकाबले काफी आसान हो जाएगा.*
*मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदल कर अब शिक्षा मंत्रालय हुआ, नई शिक्षा नीति को मोदी कैबिनेट से मिली मंजूरी New National Education Policy 2020 gets Cabinet Approval, MHRD now Ministry of Education*
*मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. यह फैसला मोदी कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया है. इस बैठक के दौरान मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी है.*
*● HRD का नाम अब शिक्षा मंत्रालय हुआ, नई शिक्षा नीति को भी मोदी कैबिनेट की मंजूरी*
*● शिक्षा मंत्रालय नाम करने के प्रस्ताव को मंजूरी, नई शिक्षा नीति के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट की मुहर*
*मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है. यह फैसला मोदी कैबिनेट की बैठक के दौरान लिया गया है. इस बैठक के दौरान मोदी सरकार ने नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी है. इसके बारे में विस्तृत जानकारी सरकार की ओर से शाम 4 बजे होने वाली कैबिनेट ब्रीफिंग में दी जाएगी.*
*गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रस्ताव दिया था कि मंत्रालय का मौजूदा नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया जाए. इस प्रस्ताव पर मोदी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है. इसके साथ ही नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी दे दी गई. अब पूरे उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी होगी ताकि शिक्षा क्षेत्र में अव्यवस्था को खत्म किया जा सके.*
*नई शिक्षा नीति के बाद हो सकते हैं ये सुधार*
*शिक्षा मंत्रालय ने उच्च शिक्षा के लिए एक ही रेगुलेटरी बॉडी 'नेशनल हायर एजुकेशन रेगुलेटरी अथॉरिटी (एनएचईआरए) या हायर एजुकेशन कमिशन ऑफ इंडिया' तय किया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्माण 1986 में किया गया था और 1992 में इसमें कुछ बदलाव किए गए थे. तीन दशक बाद भी कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है.*
*केंद्र सरकार का मानना है कि शिक्षा के क्षेत्र में बड़े स्तर पर बदलाव की जरूरत है ताकि भारत दुनिया में ज्ञान का सुपरपावर बन सके. इसके लिए सभी को अच्छी क्वालिटी की शिक्षा दिए जाने की जरूरत है ताकि एक प्रगतिशील और गतिमान समाज बनाया जा सके.*
*शिक्षा मंत्रालय का प्राथमिक स्तर पर दी जाने वाली शिक्षा की क्वालिटी सुधारने के लिए एक नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम का फ्रेमवर्क तैयार करने पर जोर है. इस फ्रेमवर्क में अलग-अलग भाषाओं के ज्ञान, 21वीं सदी के कौशल, कोर्स में खेल, कला और वातारण से जुड़े मुद्दे भी शामिल किए जाएंगे.
*#नई_शिक्षा_नीति*
*1) SSRA (State School Regulatory Authority) बनेगी जिसके चीफ शिक्षा विभाग से जुड़े होंगे।*
*2) 4 ईयर इंटेग्रेटेड बीएड, 2 ईयर बीएड or 1 ईयर B Ed course चलेंगें।*
*3) ECCE (Early Childhood Care and Education) के अंतर्गत प्री प्राइमरी शिक्षा आंगनबाड़ी ओर स्कूलों के माध्यम से।*
*4) TET लागू होगा up to सेकंडरी लेवल।*
*5) शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से हटाया जाएगा, सिर्फ चुनाव ड्यूटी लगेगी, BLO ड्यूटी से शिक्षक हटेंगे, MDM se भी शिक्षक हटेंगे।*
*6) स्कूलों में एसएमसी/एसडीएमसी के साथ SCMC यानी स्कूल कॉम्प्लेक्स मैनेजमेंट कमेटी बनाई जाएगी।*
*7) शिक्षक नियुक्ति में डेमो/स्किल टेस्ट और इंटरव्यू भी शामिल होंगे।*
*8) नई ट्रांसफर पॉलिसी आयेगी जिसमें ट्रांसफर लगभग बन्द हो जाएंगे, ट्रांसफर सिर्फ पदोन्नति पर ही होंगे।*
*9) ग्रामीण इलाकों में स्टाफ क्वार्टर बनाए जाएंगे, केंद्रीय विद्यलयों की तर्ज पर।*
*10) RTE को कक्षा 12 तक या 18 वर्ष की आयु तक लागू किया जाएगा।*
*11) मिड डे मील के साथ हैल्थी ब्रेकफास्ट भी स्कूलों में दिया जाएगा।*
*12) Three language based स्कूली शिक्षा होगी।*
*13) Foreign language course भी स्कूलों में शुरू होंगे।*
*14) विज्ञान ओर गणित को बढ़ावा दिया जाएगा, हर सीनियर सैकंडरी स्कूल में science or math विषय अनिवार्य होंगे।*
*15) स्थानीय भाषा भी शिक्षा का माध्यम होगी।*
*16) NCERT पूरे देश में नोडल एजेंसी होगी।*
*17) स्कूलों में राजनीति व सरकार का हस्तक्षेप लगभग समाप्त हो जाएगा।*
*18) क्रेडिट बेस्ड सिस्टम होगा जिससे कॉलेज बदलना आसान और सरल होगा बीच मे कोई भी कॉलिज बदला जा सकता है।*
*19) नई शिक्षा नीति में सिर्फ बीएड इण्टर के बाद 4 वर्षीय बीएड, स्नातक के बाद 2 वर्ष बीएड, परास्नातक के बाद 1 वर्ष का बीएड कोर्स होगा।*
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