नोइडा। वरिष्ठ पत्रकार, मीडिया प्रशिक्षक और राष्ट्रीय विचार के प्रखर प्रवक्ता श्री सुभाष चंद्र सिंह बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। देश के प्रतिष्ठित "हिन्दुस्थान समाचार" समूह में बड़े दायित्व का निर्वहन कर रहे वरिष्ठ पत्रकार श्री सुभाष चंद्र सिंह किसी परिचय के मोहताज़ नहीं है। हिंदुस्थान समाचार समूह की पाक्षिक पत्रिका "यथावत" में समन्वय संपादक श्री सुभाष चंद्र सिंह ने मुख्यधारा की पत्रकारिता को जीवन तीन दशक अर्पित किए हैं। राष्ट्रीय विचार के प्रति समर्पण, समर्थन और प्रतिबद्धता ने आपको देश के पत्रकारों में एक अलग पहचान दिलाई है। आप लोकसभा टीवी, राज्यसभा टीवी, दूरदर्शन, समाचार प्लस, आकाशवाणी, जी मीडिया आदि चैनलों पर पैनल डिस्कशन में नियमित रूप से शामिल होते रहे हैं।
मुख्यधारा की पत्रकारिता में तीन दशक :
15 मार्च 1963 को जन्में श्री सुभाष सिंह जी लखनऊ की ओडियन कॉलोनी में निवास करते हैं। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से आपने परास्नातक की डिग्री हासिल की है। पाञ्चजन्य से पत्रकरिता कॅरियर की शुरुवात करने वाले सुभाष सिंह ने अमर उजाला, दैनिक जागरण, नेशनल दुनिया, स्वदेश, केशव संवाद और यथावत पत्रिका में बड़े दायित्वों का सफलता पूर्वक निर्वहन किया है। वर्तमान में आप "यथावत" में समन्वय संपादक के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त देश के प्रतिष्ठित पत्रिकाओं से बतौर कॉलमिस्ट भी आपका जुड़ाव रहा है।
निर्णायक मंडल के सदस्य : माखनलाल पत्रकारिता राष्ट्रीय विश्वविद्यालय भोपाल की ओर से दिए जाने वाले श्री गणेशशंकर विद्यार्थी पत्रकारिता पुरष्कार के लिए बतौर ज्यूरी मेंबर आपको नामित किया गया था। नारद सम्मान समारोह समिति नोयडा की ओर से भी आप चयन समिति के सदस्य रहे हैं। देश और प्रदेश के विभिन्न जनपदों में होने वाले नारद सम्मान समारोह में भी आपने महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है।
कई संस्थानों में पत्रकारिता प्रशिक्षण : उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय से संबद्ध "लखनऊ जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान" में आपने अध्यापन किया है। आपने यूपी राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के नोयडा स्थित आंचलिक केंद्र प्रेरणा मीडिया संस्थान और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल के नोयडा केंद्र में अतिथि प्रवक्ता के नाते अध्यापन कार्य किया है। यूपी राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रयागराज और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में एक्सटर्नल एक्जामिनर सहित अन्य पत्रकारिता प्रशिक्षण संस्थानों में आपकी लगातार सक्रियता बनी हुई है।
कई ऐतिहासिक घटनाओं के साक्षी : सुभाष जी देश में ऐतिहासिक घटनाओं और अभियानों के न सिर्फ साक्षी रहे हैं बल्कि उनको मुख्यधारा की पत्रकरिता के लिए कवर किया है। आपने पूर्व उपप्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी की 'रामरथ यात्रा' को राष्ट्रीय स्तर पर साथ रहकर कवर किया है। आपने पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री प्रो. मुरली मनोहर जोशी की "राष्ट्रीय एकता यात्रा" को भी साथ रहकर मुख्यधारा के मीडिया संस्थानों के लिए कवर किया है। पंजाब में उभरते अलगाववाद के ख़िलाफ़ केंद्र सरकार की कार्रवाई के दौरान सुभाष जी ने एक-एक घटना की विस्तृत रिपोर्टिंग की है। 1992-93 से लेकर अब तक अयोध्या के श्रीराम मंदिर आंदोलन पर आपकी गंभीर दृष्टि रही है। आप न सिर्फ आंदोलन के साथ रहे बल्कि निष्पक्ष रिपोर्टिंग कर अनछुए पहलुओं को उजागर करने का काम किया है। इसके अतिरिक्त देश के बड़े अभियानों और ऐतिहासिक घटनाओं को आपने निकट से महसूस किया और उनके साक्षी रहकर कलम चलाई है।
Very nice initiative.
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