Sony Photography Workshop: कैमरे की कला में समीर अशरफ का योगदान, NIU के छात्रों ने सीखा प्रकाश और शटर का समाधान
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कैमरे की कला में समीर अशरफ का योगदान, NIU के छात्रों ने सीखा प्रकाश और शटर का समाधान
- पत्रकारिता विभाग में हुआ ज्ञान का संचार, समीर ने दिया फोटोग्राफी का शानदार आधार
- कैमरे के शटर से लेकर लाइट की चाल, छात्रों ने सीखा हर एक तस्वीर का असली कमाल
- फोटोग्राफी में नैतिकता-कला का मेल, विद्यार्थियों ने जाना हर क्लिक में छिपे जादू का खेल
ग्रेटर नोएडा: नोएडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (एनआईयू) के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग ने मंगलवार को एक नई पहल की शुरुआत की है। यहां आयोजित "सोनी फोटोग्राफी कार्यशाला" में सोनी कैमरा कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ समीर अशरफ ने फोटोग्राफी की कला और विज्ञान को समझने का बेहतरीन अवसर प्रदान किया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्रों को फोटोग्राफी के तकनीकी पहलुओं से परिचित कराना और उन्हें रचनात्मकता की दिशा में मार्गदर्शन करना था।
फोटोग्राफी का तकनीकी रहस्य: समीर अशरफ की सलाह
कार्यशाला की शुरुआत फोटोग्राफी के मूलभूत सिद्धांतों से हुई। समीर ने कैमरे के विभिन्न पहलुओं जैसे लेंस, शटर स्पीड, अपर्चर और आईएसओ पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने विशेष रूप से मैनुअल मोड के उपयोग पर जोर दिया और इसे फोटोग्राफर की रचनात्मकता को अनलॉक करने का एक अद्भुत तरीका बताया।
समीर ने बताया कि फोटोग्राफी में सबसे महत्वपूर्ण तत्व प्रकाश है। वह मानते हैं कि प्रकाश तस्वीर का जीवन है और बिना प्रकाश के कोई भी तस्वीर जीवित नहीं हो सकती।
5W मॉडल: फोटोग्राफी का संरचनात्मक दृष्टिकोण
समीर ने 5W मॉडल के जरिए फोटोग्राफी के हर पहलू को सरलता से समझाया। उन्होंने बताया कि विषय का चयन (कौन), तस्वीर का संदेश (क्या), सही समय (कब), उपयुक्त स्थान (कहां) और फोटो का उद्देश्य (क्यों) फोटोग्राफी को सार्थक बनाते हैं। कार्यशाला में उन्होंने तकनीकी ज्ञान, मैनुअल मोड, प्रकाश और छाया का प्रभाव और नैतिकता जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर दिया। छात्रों ने लाइव डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम से फोटोग्राफी के व्यावहारिक पहलुओं को समझा और रचनात्मकता के नए आयाम खोजे।
नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी: फोटोग्राफर का कर्तव्य
नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी: फोटोग्राफर का कर्तव्य
समीर ने फोटोग्राफी के नैतिक पहलुओं पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि एक जिम्मेदार फोटोग्राफर को समाज और संस्कृति की संवेदनशीलताओं का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर दिया:
- किसी की तस्वीर खींचने से पहले उसकी अनुमति प्राप्त करना आवश्यक है।
- धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।
- तस्वीरें केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने और संदेश देने का एक प्रभावी तरीका हैं।
साक्षात्कार और कार्यशाला का प्रभाव
कार्यशाला के दौरान समीर ने लाइव डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम से छात्रों को कैमरा सेटिंग्स, लाइटिंग तकनीक और सही एंगल पर ध्यान केंद्रित करने का तरीका सिखाया। छात्रों को इन तकनीकों को व्यावहारिक रूप से समझने का अवसर मिला।
कार्यशाला के समापन पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की डीन प्रोफेसर (डॉ.) आरफा राजपूत और विभागाध्यक्ष डॉ. सैयद फहर अली ने छात्रों को फोटोग्राफी के इस अद्भुत सफर पर मार्गदर्शन देने के लिए समीर का धन्यवाद किया। उन्होंने इस तरह के आयोजनों को छात्रों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया।
यह कार्यशाला छात्रों को न केवल फोटोग्राफी के तकनीकी और व्यावहारिक पहलुओं से परिचित कराती है, बल्कि उन्हें एक जिम्मेदार और संवेदनशील फोटोग्राफर बनने के लिए प्रेरित करती है। इस कार्यशाला ने छात्रों के बीच फोटोग्राफी को लेकर नई उत्सुकता और जोश का संचार किया।
Nice article sir 🙏
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