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क्या इजराइल ईरान के मिसाइल हमले के बीच एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष के लिए तैयारी कर रहा है?


क्या इजराइल ईरान के मिसाइल हमले के बीच एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष के लिए तैयारी कर रहा है?

हाल ही में इज़राइल-ईरान संघर्ष में वृद्धि ने न केवल क्षेत्र में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी तनाव को बढ़ा दिया है। 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के बाद से, इज़राइल अपने उत्तरी सीमा क्षेत्र, लेबनान पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जहां हिज़्बुल्ला के साथ रोज़ाना झड़पें हो रही हैं। मध्य पूर्व में बढ़ते तनावों ने क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी हैं, खासकर जब इजराइल ने हिज्बुल्लाह और हमास के खिलाफ अपनी कार्यवाही जारी रखी है, जबकि वह ईरान के मिसाइल हमले के प्रति भी जवाब दे रहा है। यह संघर्ष, जो पहले गाज़ा पट्टी और दक्षिणी लेबनान तक सीमित था, अब एक जटिल, बहु-क्षेत्रीय टकराव में बदल गया है, जिसके भू-राजनीतिक परिणाम हो सकते हैं। ईरान और हिज्बुल्लाह की भागीदारी इस स्थिति को और जटिल बना रही है, जो इजराइल की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न करती है। जैसे-जैसे इजराइल लेबनान में अपनी सैन्य गतिविधियों को बढ़ा रहा है, जिसमें कई हवाई हमले और ग्राउंड राइड शामिल हैं, एक बड़े संघर्ष की संभावना, जिसमें ईरान और इसके सहयोगी शामिल हो सकते हैं?

इस लेख में हम इजराइल की सैन्य रणनीति, ईरान की भागीदारी, हिज्बुल्लाह की भूमिका और व्यापक मध्य पूर्व के लिए संभावित परिणामों पर चर्चा करेंगे। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया का भी अवलोकन करेंगे, विशेष रूप से चीन और कनाडा जैसे देशों से, क्योंकि वे अपने नागरिकों को इस बढ़ते हुए अशांत क्षेत्र से निकालने के लिए प्रयासरत हैं।

इजराइल का ईरानी मिसाइल हमले पर प्रतिक्रिया: एक मोड़?

इजराइल ने हाल ही में ईरान द्वारा उसकी क्षेत्र में लक्षित मिसाइल हमले के जवाब में एक औपचारिक प्रतिक्रिया तैयार की है, जिसने तनाव को और  रूप से बढ़ा दिया है। यह मिसाइल हमला, जो नागरिक क्षेत्रों पर लक्षित था, इजराइली अधिकारियों द्वारा अभूतपूर्व के रूप में वर्णित किया गया है। जबकि इजराइल वर्षों से हिज्बुल्लाह और हमास के साथ झड़पों में लगा हुआ है, ईरान की सीधी भागीदारी इस संघर्ष में एक खतरनाक बढ़ोतरी का संकेत देती है, जो एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकती है।

इजराइल रक्षा बलों (IDF) ने एक व्यवस्थित सैन्य प्रतिक्रिया में संलग्न होकर लेबनान में हवाई हमलों को बढ़ाने और दक्षिणी लेबनान में ग्राउंड राइड करने का निर्णय लिया है। इस जवाबी कार्रवाई का उद्देश्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और ईरान और उसके सहयोगियों द्वारा उत्पन्न खतरे को नष्ट करना है। 

हिज्बुल्लाह की भूमिका: हिज्बुल्लाह, जो ईरान का एक प्रमुख सहयोगी है, ने हाल के महीनों में इजराइल पर लगातार हमले किए हैं। इजराइल के उत्तर की सीमा पर स्थिति को मजबूत करने के लिए हिज्बुल्लाह ने अपने रॉकेट और मिसाइल क्षमताओं को तेजी से बढ़ाया है। इजराइल का लक्ष्य अब अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और हिज्बुल्लाह के हमलों को रोकना है। यह स्पष्ट है कि इजराइल अपनी उत्तरी सीमा को सुरक्षित करने के लिए आवश्यक सैन्य कार्रवाई करने को तैयार है।

हिज्बुल्लाह के खिलाफ इजराइल की रणनीति का एक मुख्य उद्देश्य है कि वह इसे एक महत्वपूर्ण सैन्य शक्ति के रूप में कमजोर करे। इसके लिए इजराइल ने हवाई हमलों के माध्यम से हिज्बुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इन हवाई हमलों ने हिज्बुल्लाह की रणनीति को बाधित करने में मदद की है, और इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि इजराइल किसी भी तरह से अपनी सुरक्षा को खतरे में नहीं डालने देगा।

 ईरान की भागीदारी: ईरान, जो हिज्बुल्लाह का मुख्य समर्थक है, ने हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में अपनी सैन्य उपस्थिति को बढ़ाया है। ईरान का इजराइल पर हमले करना और उसके नागरिकों को निशाना बनाना एक बड़ा खतरा है। ईरान की यह रणनीति स्पष्ट रूप से उसके क्षेत्रीय प्रभाव को बढ़ाने के लिए है। इजराइल के द्वारा उठाए गए कदम ईरान के इस खतरे के प्रति एक ठोस प्रतिक्रिया के रूप में देखे जा रहे हैं।

ईरान का इजराइल पर हवाई हमलों और मिसाइलों के माध्यम से हमला केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह एक राजनीतिक संदेश भी है। ईरान ने हमेशा इजराइल को एक अवैध राज्य के रूप में देखा है, और उसकी यह कार्रवाई इस विचारधारा को स्पष्ट करती है। इसके अलावा, ईरान की यह रणनीति एक मजबूत विरोध का संकेत भी है, जिसमें वह इजराइल के खिलाफ मुस्लिम दुनिया के अन्य देशों को एकजुट करने का प्रयास कर रहा है। इजराइल और ईरान के बीच तनाव के बढ़ने से क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। अगर इजराइल की सैन्य प्रतिक्रिया अधिक व्यापक होती है, तो यह अन्य देशों, विशेष रूप से उन देशों को भी प्रभावित कर सकती है जो ईरान के साथ संबंध रखते हैं। एक बड़ा युद्ध क्षेत्रीय स्थिरता को गंभीर रूप से बाधित कर सकता है और इसके परिणामस्वरूप लाखों निर्दोष नागरिकों का जीवन प्रभावित हो सकता है।

इस बीच, इजराइल की वायु सेना ने लेबनान में हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं, जिसमें लेबनान के दक्षिणी उपनगरों और बेदवाड़ी शरणार्थी शिविर को लक्ष्य बनाया गया है। इन हमलों में कई हिज्बुल्लाह के प्रमुख सदस्यों को मार गिराया गया है। इसके साथ ही, इजराइल की सेना ने अपनी उत्तरी सीमा को सुरक्षित करने के लिए ग्राउंड ऑपरेशंस को भी शुरू किया है।

चीन ने हाल ही में लेबनान से 215 अपने नागरिकों को निकाला है। यह निकासी तब की गई जब इजराइल ने लेबनान में भारी बमबारी की थी, जिससे 1,100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। चीन की यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है, खासकर जब क्षेत्र में स्थिति तेजी से बिगड़ रही है।

कनाडा की अपील; कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने शनिवार को लेबनान में अभी भी मौजूद कनाडाई नागरिकों से विशेष विमानों पर निकासी के लिए साइन अप करने का आग्रह किया। ये विशेष उड़ानें पहले ही 1,000 से अधिक लोगों को ले जा चुकी हैं। कनाडा में 6,000 लोग निकासी के लिए साइन अप कर चुके हैं और अधिकारियों ने इस सप्ताहांत के दौरान 2,500 अन्य नागरिकों से संपर्क करने की योजना बनाई है।

ट्रुडो ने इस विषय पर कहा, "हमारे पास कनाडा द्वारा व्यवस्थित की गई उड़ानों पर सीटें उपलब्ध हैं। हम सभी कनाडाई नागरिकों से आग्रह करते हैं कि वे इन विमानों पर यात्रा करें और लेबनान से बाहर निकलें।" कनाडा ने अपनी उड़ानों में आस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों के नागरिकों को भी सीटें उपलब्ध कराने की पेशकश की है।

इजराइल के ईरान के खिलाफ बढ़ते सैन्य कदम और लेबनान में हिज्बुल्लाह के खिलाफ हमले इस बात का संकेत हैं कि क्षेत्र में स्थिति कितनी तनावपूर्ण है। ईरान और हिज्बुल्लाह के साथ इजराइल की बढ़ती हुई टकराव की स्थिति ने न केवल मध्य पूर्व में बल्कि पूरे विश्व में चिंता पैदा कर दी है।  इस संकट का समाधान खोजने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। क्या क्षेत्रीय शक्तियां इस संघर्ष को समाप्त करने में सक्षम होंगी, या यह एक बड़े युद्ध में बदल जाएगा?

 आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह संघर्ष कैसे बढ़ता है और इसके परिणाम क्या होते हैं।
इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच, यह स्पष्ट है कि इजराइल और उसके पड़ोसी देशों के बीच सुरक्षा की चिंता लगातार बढ़ रही है। आने वाले दिनों में, यह आवश्यक होगा कि सभी पक्ष संवाद के माध्यम से समस्याओं का समाधान खोजें, ताकि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और क्षेत्र में शांति स्थापित की जा सके।

✍️... रघुनाथ सिंह

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